अकेले तो नहीं हो गीत के Lyrics | 8 A.M. Metro की hopeful poem by Gulzar। Saiyami Kher की comforting आवाज़। Loneliness में companionship का एहसास।
Akele Toh Nahi Ho - Poem Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (अकेले तो नहीं हो - कविता)
तन्हाई में भी तुम अकेले तो नहीं हो
मुड़के देखो,
साथ साथ इक नज़्म चलती है
हाथ बढ़ाओ...
हाथ पकड़लो
घबराहट हो या कोई ख़ौफ़ की आहट हो तो
नज़्म की उँगली थाम के चलते रहना तुम !
पूरा चाँद निकल आये जब,
रुक के चाँद पे, लिख देना तुम ...!
गीतकार: गुलज़ार
About Akele Toh Nahi Ho - Poem (अकेले तो नहीं हो - कविता) Song
यह "Akele Toh Nihi Ho" poem एक बहुत ही heartfelt message देती है, यह कहती है कि तन्हाई में भी तुम अकेले नहीं हो, मुड़कर देखो, एक नज़्म तुम्हारे साथ-साथ चलती है। Poem में कहा गया है कि अगर घबराहट हो या कोई ख़ौफ़ हो, तो नज़्म की उँगली थाम कर चलते रहना, और जब पूरा चाँद निकले, तो उस पर लिख देना। यह एक तरह का metaphor है loneliness और hope का।
इस beautiful piece को Gulzar साहब ने लिखा है, और Saiyami Kher ने इसे अपनी आवाज़ दी है। Music की जिम्मेदारी Mark K. Robin पर थी। यह audio सभी major music platforms पर available है, और video में Gulshan Devaiah और Saiyami Kher की acting ने इसे और भी ख़ास बना दिया है।