नज़्में कविता के बोल | 8 A.M. Metro का Gulzar लिखित introspective poem। Saurabh Dixit की impactful narration। एक poet के dreams और legacy की कहानी।
Nazmein - Poem Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (नज़्में - कविता)
मेरा इक ख़्वाब था, नज़्में मेरी
उजाले देखें सुबह के
मगर इस ज़िन्दगी की शाम में
ये जान कर
जो नज़्में मेरी रग-व-जाँ में बहती थीं
तुम्हरी उँगलियों पर अब उतरने लग गई हैं
तस्सल्ली हो गई है
मैं जाते जाते क्या देता तुम्हें
सिवा अल्फ़ाज़ के
मगर इतनी सी ख़्वाहिश है,
कि मेरे बाद भी
पिरोते रहना तुम अल्फ़ाज़ की लड़ियाँ
तुम्हारी अपनी नज़्मों में ...!
गीतकार: गुलज़ार
About Nazmein - Poem (नज़्में - कविता) Song
8 A.M. Metro film का ये beautiful गाना "Nazmein", legendary lyricist Gulzar द्वारा लिखा गया है। इसमें Gulshan Devaiah और Saiyami Kher की acting देखने को मिलती है। गाने को Saurabh Dixit ने narrate किया है और music Mark K. Robin ने compose किया है। ये गाना एक emotional poem की तरह है, जिसमें lyrics बहुत deep हैं। गाने के बोल हैं - "मेरा इक ख़्वाब था, नज़्में मेरी...", जो दिल को छू जाते हैं। इसमें एक शख़्स अपने सपनों और feelings के बारे में बात करता है, और चाहता है कि उसके जाने के बाद भी उसके words लोगों के दिलों में ज़िंदा रहें। ये गाना सुनकर आपको एक अलग ही emotional connect feel होगा। आप इसे Spotify, Gaana, JioSaavn जैसे सभी music platforms पर सुन सकते हैं। अगर आपको meaningful lyrics और soulful music पसंद है, तो ये गाना आपको ज़रूर पसंद आएगा।