पहली दफ़ा कविता के बोल | 8 A.M. Metro का Gulzar लिखित heartfelt poem। Saiyami Kher की expressive narration। First meeting के fear और transformation का एहसास।
Pehli Dafaa - Poem Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (पहली दफ़ा - कविता)
वो कोई ख़ौफ़ था,
या नाग था काला
मुझे टख़नों से आ पकड़ा था जिसने
मैं जब पहली दफ़ा तुमसे मिली थी
क़दम, गड़ने लगे थे मेरे ज़मीं में
तुम्हीं ने हाथ पकड़ा, और मुझे बाहर निकाला
मुझे कन्धा दिया, सर टेकने को
दिलासा पा के तुमसे,
साँस मेरी लौट आई!
वो मेरे ख़ौफ़ सारे,
जिनके लम्बे नाख़ून
गले में चुभने लगे थे
तुम्हीं ने काट फेंके सारे फन उनके
मैं खुल के साँस लेने लग गई थी !
न माज़ी देखा
न मुस्क़बिल की सोची,
वो दो हफ़ते तुम्हारे साथ जी कर,
अलग इक ज़िन्दगी जी ली!
फ़क़त मैं थी फ़क़त तुम थे !
कुछ ऐसे रिश्ते भी होते हैं
जिनकी उम्र होती है न कोई नाम होता है
वो जीने के लिये कुछ लम्हे होते हैं। ...!
गीतकार: गुलज़ार
About Pehli Dafaa - Poem (पहली दफ़ा - कविता) Song
"Pehli Dafaa" 8 A.M. Metro movie का एक मशहूर गीत है, जिसे गुलज़ार (Gulzar) ने लिखा है और सैयामी खेर (Saiyami Kher) ने गाया है। इस गीत में गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah) और सैयामी खेर ने एक खूबसूरत पोएट्री वीडियो में अपनी एक्टिंग से इसे और भी यादगार बना दिया है। म्यूजिक Mark K. Robin ने दिया है, जो इसकी भावनाओं को और भी गहरा करता है।
इस गीत की लिरिक्स (Lyrics) बहुत ही दिल छूने वाली हैं। इसमें एक इंसान के पहली बार किसी से मिलने के डर और फिर उसी के सहारे से डर पर जीत पाने की कहानी है। जैसे की लिरिक्स में कहा गया है – "वो कोई ख़ौफ़ था, या नाग था काला... मैं जब पहली दफ़ा तुमसे मिली थी"। यह गीत बताता है कि कैसे कुछ रिश्ते बिना नाम के भी जिंदगी को खूबसूरत बना देते हैं।
इसका ऑडियो (Audio) सभी म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स (Music Streaming Platforms) पर उपलब्ध है। अगर आपको गहरी भावनाओं वाले गीत पसंद हैं, तो "Pehli Dafaa" जरूर सुनें!