सोन मछरी कविता के Lyrics | 8 A.M. Metro की Gulzar लिखित beautiful allegory। Saiyami Kher की soothing voice। Loneliness और friendship की metaphorical story।
Son Machchri - Poem Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (सोन मछरी - कविता)
जो ‘सोन मछरी का बदन लेकर
डूबी रहती इस झील की तह में
तुम चाँद की तरह आते
इस झील के पानी पर
और रौशनी कर देते
अन्धेरे मेरे घर में.
तुम तैरते और कहते:
इस झील की तन्हाई... और काश कोई होता ??
जो प्यार तुम्हें करता !
मैं आती किनारे तक, और दोस्ती कर लेती...
'सोन मछरी' तुम्हारी !
तन्हाई को भर देती
और तुमको सुकूँ मिलता.
तुम सोचते: काश इस झील में
'सोन मछरी' रहा करती ...!
गीतकार: गुलज़ार
About Son Machchri - Poem (सोन मछरी - कविता) Song
8 A.M. Metro movie की यह 'Son Machchri' poem एक emotional और beautiful story बयां करती है। इसे iconic writer Gulzar ने लिखा है, और Saiyami Kher ने अपनी आवाज़ से इसे जीवंत कर दिया है, music दिया है Mark K. Robin ने। यह कविता एक झील और एक सोन मछरी की कहानी है, जो अकेलेपन और दोस्ती की तलाश के बारे में है। कविता की lines बहुत deep हैं, जैसे "तुम चाँद की तरह आते, इस झील के पानी पर, और रौशनी कर देते, अंधेरे मेरे घर में"।
यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक सोन मछरी अकेलेपन को दूर करके सुकून देती है। इसकी audio सभी major music platforms पर available है, जहाँ आप इसे stream कर सकते हैं। Gulzar साहब के lyrics और Saiyami की narration का combination listeners को एक magical experience देता है।