लकीरों पे यक़ीन नहीं लिरिक्स (Lakeeron Pe Yakeen Nahin Lyrics in Hindi) – Mohammed Irfan | Anu Malik x Zee Music

लकीरों पे यक़ीन नहीं के बोल | Mohammed Irfan की शक्तिशाली आवाज़ में जीवन के दर्द और सवाल। Anu Malik का गहरा संगीत। लिरिक्स पढ़ें।

Lakeeron Pe Yakeen Nahin Song Poster from Anu Malik x Zee Music

Lakeeron Pe Yakeen Nahin Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (लकीरों पे यक़ीन नहीं)

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसे जिंदगी?

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसी जिंदगी?
अधूरे मेरे ख्वाब क्यों
रुलाता है तू, तू हर घड़ी

मेरा गिला जमीन से नहीं
आसमा से है
मेरा गिला जमीन से नहीं
आसमा से है

ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
तू लाता कहाँ से है?

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसे जिंदगी?
कैसे जिंदगी?

जब भी मैं मुस्कुराया
नया गम है मैंने पाया
जख्मों के साथ सोया
जख्मों ने ही जगाया

सारे रिश्ते बेवजह है
बे-मजा से हैं
सारे रिश्ते बेवजह है
बे-मजा से हैं

ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
तू लाता कहाँ से है?

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसे जिंदगी?
कैसे जिंदगी?

गैरों से ज्यादा मुझको
अपनों ने गम दिए हैं
रंगी से वो मंजर
मुझ में ही सिसक रहे हैं

मेरे हंसते हुए लम्हे
अब फना से हैं
मेरे हंसते हुए लम्हे
अब फना से हैं

ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
तू लाता कहाँ से है?

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसे जिंदगी?
कैसे जिंदगी?
अधूरे मेरे ख्वाब क्यों
रुलाता है तू, तू हर घड़ी

मेरा गिला जमीन से नहीं
आसमा से है
मेरा गिला जमीन से नहीं
आसमा से है

ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
ऐ खुदा इतना दर्द
तू लाता कहाँ से है?

लकीरों पे यकीन नहीं
जियूँ मैं कैसे? कैसे जिंदगी?
कैसे जिंदगी?

गीतकार: कुंवर जुनेजा


About Lakeeron Pe Yakeen Nahin (लकीरों पे यक़ीन नहीं) Song

यह गाना "Lakeeron Pe Yakeen Nahin" Mohammed Irfan की आवाज में है, जिसके music composer हैं legendary Anu Malik और lyrics लिखे हैं Kunwar Juneja ने, यह Zee Music Originals का एक special track है। गाने की शुरुआत ही एक deep question से होती है - "लकीरों पे यकीन नहीं, जियूँ मैं कैसे?", यहाँ लकीरें मतलब वो traditional rules और boundaries जिन्हें follow करके लोग जीते हैं, पर singer उनपर believe नहीं करता, वो पूछता है कि ऐसे में वो जिंदगी कैसे जिए।

Lyrics में एक emotional struggle दिखता है, singer कहता है कि उसके अधूरे ख्वाब उसे हर घड़ी रुलाते हैं, उसकी complaint जमीन से नहीं बल्कि आसमान से है, वो खुदा से पूछता है "ऐ खुदा इतना दर्द तू लाता कहाँ से है?"। जब भी वो मुस्कुराता है, उसे नया गम मिलता है, उसके जख्म ही उसे जगाते हैं, उसे लगता है कि सारे रिश्ते बेवजह और बे-मजा से हैं।

गाने की depth और बढ़ जाती है जब singer कहता है कि उसे गैरों से ज्यादा अपनों ने दुख दिए हैं, उसके हंसते हुए लम्हे अब खत्म हो गए हैं, वो बार-बार वही सवाल दोहराता है कि लकीरों पर यकीन न होने पर वो जिंदगी कैसे जिए। Overall, यह गाना एक common human emotion को बहुत beautifully express करता है - वो है confusion, pain, और life के traditional paths पर question करना।