मगर तू मुझ में बाकी है लिरिक्स (Magar Tu Mujh Mein Baaki Hai Lyrics in Hindi) – Gul Saxena | Anu Malik x Zee Music

मगर तू मुझ में बाकी है के लिरिक्स | Gul Saxena का दर्द भरा गीत। एक ऐसा प्यार जो सब कुछ भुला दे, पर खुद हमेशा बना रहे। Anu Malik की यादगार धुन।

Magar Tu Mujh Mein Baaki Hai Song Poster from Anu Malik x Zee Music

Magar Tu Mujh Mein Baaki Hai Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (मगर तू मुझ में बाकी है)

मेरी दिल की तसल्ली के लिए
इतना ही काफी है
मेरे दिल की तसल्ली के लिए
इतना ही काफी है

मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ
मगर तू मुझ में बाकी है
मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ
मगर तुम मुझ में बाकी है

सिवा तेरे
कोई चेहरा दिखाई अब नहीं देता 
सिवा तेरे
कोई बोलें सुनाई कुछ नहीं देता
तुझे जितना भी चाहा मैं
मुझे तो कम ही लगता है
तू अपने इश्क से मुझको रिहाई
ही नहीं देता है

तुझे जब देख लेती हूँ तभी
मुझे तो सांस आती है
मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ
मगर तू मुझ में बाकी है

मेरे दिल की तसल्ली के लिए
इतना ही काफी है
मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ
मगर तू मुझ में बाकी है
मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ
मगर तू मुझ में बाकी है

गीतकार: अज़ीम शिराज़ी


About Magar Tu Mujh Mein Baaki Hai (मगर तू मुझ में बाकी है) Song

यह गाना "Magar Tu Mujh Mein Baaki Hai" एक deep romantic song है, जिसे Gul Saxena ने गाया है और music Anu Malik ने दिया है, lyrics Azeem Shirazi के द्वारा लिखे गए हैं, यह Zee Music Originals के साथ release हुआ है। गाने की शुरुआत lines "मेरी दिल की तसल्ली के लिए, इतना ही काफी है" से होती है, जो एक simple yet powerful feeling को दर्शाती है, यहाँ singer कह रही है कि उसके दिल को शांति के लिए बस यही बात enough है। फिर आगे lyrics में, "मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ, मगर तू मुझ में बाकी है" repeated है, जो song का main theme बनता है, यह दिखाता है कि singer ने सब कुछ भुला दिया है, लेकिन उसका प्यार अभी भी उसके अंदर जिंदा है, यह एक emotional conflict और deep attachment को express करता है।

गाने के बीच के हिस्से में, lines "सिवा तेरे, कोई चेहरा दिखाई अब नहीं देता, सिवा तेरे, कोई बोलें सुनाई कुछ नहीं देता" आती हैं, जो obsession और प्यार की intensity को बढ़ाती हैं, singer कहती है कि उसे अपने loved one के सिवा कुछ दिखाई या सुनाई नहीं देता, यह एक तरह का love blindness describe करता है। फिर, "तुझे जितना भी चाहा मैं, मुझे तो कम ही लगता है" यह line प्यार की endless nature को show करती है, कि चाहे जितना प्यार दिया जाए, वह कम लगता है, और "तू अपने इश्क से मुझको रिहाई ही नहीं देता है" यह feeling add करती है कि यह प्यार एक trap की तरह है, जिससे छुटकारा मिल नहीं रहा।

अंत में, गाना फिर से main lines को repeat करता है, "तुझे जब देख लेती हूँ तभी, मुझे तो सांस आती है" यह romantic relief को indicate करती है, कि सिर्फ loved one को देखकर ही singer को सांस आती है, और फिर "मैं सब कुछ भूल बैठी हूँ, मगर तू मुझ में बाकी है" के साथ conclude होता है, यह overall एक heartfelt confession जैसा लगता है, जो love, memory, और emotional dependency को beautifully capture करता है, Gul Saxena की soulful voice और Anu Malik की melodious composition इसे और भी special बनाती है।