चाय पकौड़ा लिरिक्स (Chai Pakoda Lyrics in Hindi) – Amit Kilam, Himanshu Joshi, Rahul Ram | Bhagwan Bharose

चाय पकौड़ा गाने के बोल | Bhagwan Bharose का powerful social commentary song। Indian Ocean band की iconic music। Satirical lyrics on society's truth।

Chai Pakoda Song Poster from Bhagwan Bharose

Chai Pakoda Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (चाय पकौड़ा)

झूठ झूठ सब झूठ झूठ
सब झूठ झूठ सब झूठ
झूठ झूठ सब झूठ झूठ
सब झूठ झूठ सब झूठ

झूठा इंजन झूठे डब्बे
झूठी पटरी पे दौड़े
झूठ झूठ सब झूठ झूठ
सब झूठ झूठ सब झूठ

ओ झूठा इंजन झूठे डब्बे
झूठी पटरी पे दौड़े
झूठे स्टेशन पर बिकते
झूठे चाय पकोड़े

गजब झूठ दरबार है
झूठ का प्रचार है

गजब झूठ दरबार है
झूठ का प्रचार है
अब सच तो.. ना ना ना
सकपका गया कालाकन्तर
झूठ ही अपरमपार है

झूठे स्टेशन पर बिकते
झूठे चाय पकोड़े रे

झूठ झूठ सब झूठ झूठ
सब झूठ झूठ सब झूठ

झूठ झूठ, झूठ झूठ
झूठ झूठ, झूठ झूठ
अरे सुन लो जनता, सुन लो जनता
झूठ झूठ, झूठ झूठ

अरे कालकालांतर, झूठ झूठ
जंतर और मंतर, झूठ झूठ
अक्कड़ पे बक्कड़, झूठ झूठ
मक्कड़ का झक्कड़, झूठ झूठ
शब्दों के फंडे, झूठ झूठ
झूठ झूठ

सब बोल वचन है, झूठ झूठ
सच की शाला है, झूठ झूठ
अब तो सब भगवान भरोसे

अब तो सब भगवान भरोसे
अब तो सब भगवान भरोसे
झूठ झूठ है, झूठ झूठ है
झूठ झूठ मायावी
अब तो सब भगवान भरोसे
अब तो सब भगवान भरोसे

झूठा इंजन झूठे डब्बे
झूठी पटरी पे दौड़े
झूठा इंजन झूठे डब्बे
झूठी पटरी पे दौड़े
झूठे स्टेशन पर बिकते
झूठे चाय पकोड़े..!

गीतकार: संजीव शर्मा


About Chai Pakoda (चाय पकौड़ा) Song

यह "Chai Pakoda" गाना फिल्म "Bhagwan Bharose" का एक important part है, जिसे Shiladitya Bora ने direct किया है। इसकी music Indian Ocean के famous artists Amit Kilam, Himanshu Joshi, Nikhil Rao, और Rahul Ram ने दी है, जबकि lyrics Sanjeev Sharma ने लिखे हैं। यह गाना अपनी powerful lyrics और strong message के लिए जाना जाता है। 

गाने की शुरुआत ही "झूठ झूठ सब झूठ" से होती है, और यह एक metaphorical story बताता है, जैसे "झूठा इंजन, झूठे डब्बे, झूठी पटरी पे दौड़े"। यह पूरी दुनिया में फैले झूठ और dishonesty को दर्शाता है, जहाँ "झूठे स्टेशन पर बिकते झूठे चाय पकोड़े"। गाना कहता है कि आजकल "झूठ का प्रचार" है और "सच तो सकपका गया" है, यानी सच डर गया है। 

अंत में, गाना एक deep philosophy की तरफ ले जाता है, जहाँ यह बताया गया है कि हर जगह झूठ ही झूठ है, "शब्दों के फंडे" हैं, और "सच की शाला" भी झूठ है। इसलिए, आखिर में लोग "भगवान भरोसे" ही रह गए हैं। यह गाना सुनने में जितना catchy लगता है, उससे कहीं ज्यादा powerful इसका social message है।


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