नींद के शिकारे के बोल | Baramulla की यह सुकून भरी लोरी Shilpa Rao की आवाज़ में। 'हुकस बुकस' की मधुर धुन पर, यह गाना डर और अंधेरे में साथ का एहसास दिलाता है।
Neend Ke Shikaare Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (नींद के शिकारे)
बीत गए वो दिन सुनहरे
गहरी है अँधेरी रात
डर मत, तू ना है अकेली
ये सब जो हैं तेरे साथ
लोरी गाती वादियाँ
और बर्फ़ीली पहाड़ियाँ
नींद के शिकारे पे आ
नींद के शिकारे पे आ
मेरी गुड़िया मूँद ले अँखियाँ
तू सुन रिमझिम बरसात
हौले से कहें ये बूँदें -
हाँ, बीतेगी ये रात
ये अधजगी आँखें तेरी,
ख़्वाबों में तू ले जा
चनार की सब टहनियाँ
झूल के गाएँ यहाँ
नींद के शिकारे पे आ
बीत गए वो दिन सुनहरे
गहरी है अँधेरी रात
डर मत, तू ना है अकेली
ये सब जो हैं तेरे साथ
लोरी गाती वादियाँ
और बर्फ़ीली पहाड़ियाँ
नींद के शिकारे पे आ
मीठी-सी एक वाणियाँ
फेरन की अल्माइयाँ
ख़्वाब के शिकारे पे आ
झिलमिलाता आशियाँ
कोसा-कोसा आसमाँ
नींद के शिकारे पे आ
रूहों की वो नर्मियाँ
जीने की आज़ादियाँ
नींद के शिकारे पे आ
गीतकार: सिद्धांत कौशल
About Neend Ke Shikaare (नींद के शिकारे) Song
यह गाना "नींद के शिकारे" Baramulla movie का एक खास हिस्सा है, जिसमें Manav Kaul और Bhasha Sumbli मुख्य भूमिका में हैं। यह गाना Shilpa Rao की आवाज़ में है, और इसे Shor Police (Clinton Cerejo और Bianca Gomes) ने compose और produce किया है, जबकि lyrics Siddhant Kaushal ने लिखे हैं। यह melody एक traditional Kashmiri folk song "Hukus Bukus" से adapted की गई है, जो इसे एक authentic Kashmiri feel देती है। गाने के lyrics बहुत ही सरल और मधुर हैं, जो एक लोरी की तरह सुनने वाले को सुकून देते हैं, और यह Zee Music Company पर उपलब्ध है।
गाने के lyrics में, एक बच्चे को सुलाने के लिए एक सुंदर और शांत दृश्य बनाया गया है, जैसे कि "बीत गए वो दिन सुनहरे, गहरी है अँधेरी रात" जो बीते हुए खुशनुमा दिनों को याद दिलाते हैं, और फिर "डर मत, तू ना है अकेली, ये सब जो हैं तेरे साथ" जो सुरक्षा और साथ का अहसास दिलाते हैं। इसमें प्रकृति के elements जैसे "लोरी गाती वादियाँ, और बर्फ़ीली पहाड़ियाँ" शामिल हैं, जो एक शांत और सुहावना माहौल बनाते हैं, और बार-बार "नींद के शिकारे पे आ" का repetition है, जो listener को नींद की ओर आमंत्रित करता है।
आगे के lyrics में, "मेरी गुड़िया मूँद ले अँखियाँ, तू सुन रिमझिम बरसात" जैसी पंक्तियाँ हैं, जो बारिश की मधुर आवाज़ के साथ नींद को बुलाती हैं, और "हौले से कहें ये बूँदें - हाँ, बीतेगी ये रात" जो आश्वासन देती हैं कि रात जल्दी बीत जाएगी। इसमें Kashmiri culture के references भी हैं, जैसे "चनार की सब टहनियाँ" और "फेरन की अल्माइयाँ", जो गाने को regional authenticity देते हैं। अंत में, "ख़्वाब के शिकारे पे आ" और "रूहों की वो नर्मियाँ" जैसी पंक्तियाँ गहरे emotional connection और आज़ादी के सपनों को दर्शाती हैं, जिससे यह गाना सिर्फ एक लोरी नहीं, बल्कि एक सुकून भरा अनुभव बन जाता है।