दरिया लिरिक्स (Dariya Lyrics in Hindi) – S.P. Abhishek, Hesham Abdul Wahab | The Girlfriend

दरिया के बोल | जीवन की उलझनों और नदी-सागर के मिलन की दार्शनिक कहानी। S.P. Abhishek की आवाज़ में Garima Obrah के गहन लिरिक्स। The Girlfriend का सबसे विचारपूर्ण ट्रैक।

Dariya Song Poster from The Girlfriend

Dariya Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (दरिया)

सिलवटों में 
रातों की उलझन दर्ज़ दिखे 
सूखे फूल को 
किताब ही अपना घर लगे 

घर या दीवार 
आभार या भार 
सर धुन सवार 
सवालों की मन में क़तार 
ख़यालों की बुनी 

क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर से मिली - से मिली 
क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर.. लिखा होगा वही 

क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर से मिली - से मिली 
क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर.. यही है नियति 

क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर से मिली - से मिली 
क्या दरिया राज़ी थी? 
जो सागर से ना वो मानती 

गिरह...आ... 
दरिया ज़रिया बनती-घुलती 
सागर को घर अपना चुनती 
चाहे जैसी भी हो, चुनौती 

भूल जा...आ.. 
बिना पूछे मौसम बदला है 
ग्यारह-ग्यारह समय हो रहा है 
गुलाबों में खोने से पहले 
काँटों की भी तो सोचते 

लहरों के पार, हो वैसा प्यार 
अंबर जमीन जहाँ एक धार 
मिलते दिखें, चाहे दूर-दार रहें 

क्या दरिया राज़ी थी? 
क्या दरिया राज़ी थी? 
क्या दरिया राज़ी थी?

गीतकार: गरिमा ओबराह


About Dariya (दरिया) Song

यह गाना "दरिया" The Girlfriend movie से है, जिसमें Rashmika Mandanna और Dheekshith Shetty मुख्य कलाकार हैं, यह गाना T-Series पर उपलब्ध है, music composed, arranged और produced Hesham Abdul Wahab ने किया है, गायन S.P. Abhishek का है, जबकि additional vocals Hesham Abdul Wahab ने दिए हैं, और lyrics Garima Obrah ने लिखे हैं।

गाने के lyrics बहुत deep और thoughtful हैं, शुरुआत में कहा गया है "सिलवटों में रातों की उलझन दर्ज़ दिखे", यानी जीवन की परेशानियाँ और confusion का वर्णन है, फिर "सूखे फूल को किताब ही अपना घर लगे" जैसी lines से loneliness और memories का एहसास होता है, lyrics में questions पूछे गए हैं जैसे "घर या दीवार, आभार या भार", जो life के contradictions को दिखाते हैं, mind में सवालों की कतार और thoughts की बुनावट का जिक्र है।

मुख्य भाग में "क्या दरिया राज़ी थी? जो सागर से मिली" जैसी पंक्तियाँ बार-बार दोहराई गई हैं, यह एक metaphor के रूप में है, जहाँ दरिया (नदी) और सागर (समुद्र) के मिलन को destiny या नियति से जोड़ा गया है, आगे "दरिया ज़रिया बनती-घुलती, सागर को घर अपना चुनती" में acceptance और challenges का message है, "भूल जा... बिना पूछे मौसम बदला है" जैसे हिस्से में life के unexpected changes और time के बीतने का reference है, अंत में "लहरों के पार, हो वैसा प्यार" जैसी lines में true love और connection की कामना व्यक्त की गई है, चाहे distance कितनी भी हो।


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