Gul Saxena की खामोश और दर्द भरी आवाज़ में Ghuspaithiya का इमोशनल वर्जन। बेबसी और उलझन के इस गीत के बोल पढ़ें। तेरे बिना अब तो (महिला संस्करण) लिरिक्स
Tere Bina Ab Toh - Female Version Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (तेरे बिना अब तो)
क्या मैं कहूँ? दिल में मेरी
कितनी बातें है बसी
है लब्ज़ क्यूँ? ठेहरे हुए
होठों से निकले नहीं
उलझा मन ये मेरा, इस कदर, इस कदर
लगता है अर्सों से, है बेसबर, है बेसबर
थम सा गया, हर पल, तेरे बिना अब तो
थम सी गई, मेरी साँसें, तेरे बिना अब तो
समझे नहीं, क्यूँ? तू मेरी
खामोशियों की जबाँ
हर वक्त में सहमा हुआ
खुशियों का मेरा जहान
है सताती मुझे लंबी रातें, लंबी रातें
उलझी सी है सभी मेरी राहें, मेरी राहें
थम सा गया, हर पल, तेरे बिना अब तो
थम सी गई, मेरी साँसें, तेरे बिना अब तो
ओ मेरी जान, कैसे कहूँ?
मन जो हुआ बेईमान
जाना है ये, दिल है ग्रे
और जिंदगी है वीरान
चाल में खींचे वो इस तरह, इस तरह
कांपती साँसें भी, बे-पनाह, बे-पनाह
थम सा गया, हर पल, तेरे बिना अब तो
थम सी गई, मेरी साँसें, तेरे बिना अब तो
क्या मैं कहूँ? दिल में मेरी
कितनी बातें है बसी
है लब्ज़ क्यूँ? ठेहरे हुए
होठों से निकले नहीं
उलझा मन ये मेरा, इस कदर, इस कदर
लगता है अर्सों से, है बेसबर, है बेसबर
थम सा गया, हर पल, तेरे बिना अब तो
थम सी गई, मेरी साँसें, तेरे बिना अब तो
गीतकार: शुभाशीष उपाध्याय
About Tere Bina Ab Toh - Female Version (तेरे बिना अब तो) Song
यह गाना "तेरे बिना अब तो" का Female Version है, जो movie "Ghuspaithiya" से है, जिसमें Vineet Kumar Singh, Urvashi Rautela और Akshay Oberoi नजर आते हैं, यह गाना Gul Saxena की आवाज में है, जिसके music director Akshay Menon और lyricist Shubhashish Upadhyay हैं, और यह Zee Music Company के अंतर्गत आता है।
गाने के lyrics एक गहरी भावनात्मक कहानी कहते हैं, जहाँ गायिका अपने दिल की बात कहने के लिए शब्द ढूंढ रही है, लेकिन उसके होठों पर शब्द अटके हुए हैं, उसका मन उलझन में है और वह बेसबरी से भरी हुई है, हर पल उसे ऐसा लगता है जैसे उसकी दुनिया थम सी गई है, और उसकी साँसें भी बिना उसके रुक सी गई हैं।
आगे के lyrics में वह बताती हैं कि उसकी खामोशी भी उसकी भाषा बन गई है, उसकी खुशियों का संसार डरा हुआ सा है, लंबी रातें उसे सताती हैं और उसकी राहें उलझी हुई हैं, वह अपने दिल को बेईमान बताती है और जिंदगी को सूनी पाती है, उसकी हर साँस काँपती है और हर चाल में एक खिंचाव है, फिर से वही उलझन और बेसबरी दोहराई जाती है, और अंत में यही भावना दोहराते हुए गाना खत्म होता है कि उसके बिना अब सब कुछ थम सा गया है।