होली के रंग मा के बोल | Maharaj फिल्म का खुशियों भरा होली गीत। Sohail Sen, Shreya Ghoshal और Shaan की आवाज़ों में यह पारंपरिक मस्ती। Kausar Munir के लिखे और Sohail Sen के संगीत से सजा यह ट्रैक।
Holi Ke Rang Ma Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (होली के रंग मा)
ओरे पिया आज रंग हैं नया
आज छेड़ेगी राधा तुझे
मन से लगाकर, तन से लगाकर
रंग देगी राधा तुझे
हो आज कस के यूँ पकड़ूंगी बइयाँ
बच के निकलेगा कैसे कन्हैया?
छुटे ना रंग मेरा रे, ऐ ऐ ऐ
होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
अरे होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
अरे होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
हे मेटो रंग मा कपड़ा बोड्या रंगीला
तारा नैना नो मने रंग लाग्यो
मेटो रंग मा कपड़ा बोड्या रंगीला
तारा नैना नो मने रंग लाग्यो
हे मेटो जोबन नी आंखें मा गोद्या रंगीली
तारा नैना नो मने रंग लाग्यो
हो आज पिचकारी भरके मैंने मारी
आज मैंने बदल दी रस्में,
आज रूठेगा तू, आज मनाऊंगी मैं
आज खाएगा तू मेरी कसमें
हो तू जो हाँ करदे चढ़ जाऊ डोली
कैसे मानु रे बुरा? होली है होली
उतारे ना रंग तेरा रे, ऐ ऐ ऐ
अरे होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
अरे होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
हे रमखानी कस्कूट वाला नी
जोई चाटी फुलाय रे
तू पिचकारी जो मारी दे
सुदबुध बधू भुलाय रे
दासी ने कर ऐ थी वाला
अंतर नहीं सहाय रे
परमानंद अविंघन मते
माप्यो नहीं मपाय रे ए
माप्यो नहीं मपाय रे
अरे होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे
धीन ताना धीन ताना धीन ताना ना
गीतकार: कौसर मुनीर
About Holi Ke Rang Ma (होली के रंग मा) Song
यह गाना "होली के रंग मा" है, जो Maharaj मूवी से है, इसमें Junaid Khan, Jaideep Ahlawat, Shalini Pandey और Sharvari मुख्य कलाकार हैं, गाने को Sohail Sen, Shreya Ghoshal, Shaan और Osman Mir ने गाया है, और संगीत Sohail Sen का दिया हुआ है, जबकि बोल Kausar Munir ने लिखे हैं, यह गाना Yash Raj Films के अंतर्गत आता है।
गाने के बोल होली के उत्सव और राधा-कृष्ण की मस्ती भरी छेड़छाड़ को दर्शाते हैं, जैसे "ओरे पिया आज रंग हैं नया, आज छेड़ेगी राधा तुझे", यहाँ राधा कृष्ण को रंग लगाने की बात कर रही हैं, और मन व तन से जुड़ने का भाव है, फिर गाने में धुन "होली के रंग मा ढोलिडा ढोल वागे" बार-बार आती है, जो होली की खुशी और ढोल की थाप को जीवंत करती है, साथ ही इसमें पिचकारी, रंग और मस्ती के दृश्य हैं, जैसे "आज पिचकारी भरके मैंने मारी, आज मैंने बदल दी रस्में"।
गाने में भावनाएँ गहरी हैं, जैसे "तू जो हाँ करदे चढ़ जाऊ डोली, कैसे मानु रे बुरा? होली है होली", यहाँ होली के बहाने प्यार का इजहार है, और अंत में रमखानी और पिचकारी का जिक्र है, जो होली की मस्ती को और बढ़ाता है, यह गाना पारंपरिक होली की खुशी को आधुनिक अंदाज़ में पेश करता है, और इसकी धुन व बोल सुनने वाले को तुरंत उत्सव में शामिल कर लेते हैं।