दुआ-ए-ख़ैर लिरिक्स (Dua-E-Khair Lyrics in Hindi) – Divya Kumar | Ruslaan

दुआ-ए-ख़ैर गाने के लिरिक्स | Ruslaan का आध्यात्मिक और भावुक प्रार्थना गीत। Divya Kumar की दिल को छू लेने वाली आवाज़। ईश्वर से मार्गदर्शन की याचना।

Dua-E-Khair Song Poster from Ruslaan

Dua-E-Khair Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (दुआ-ए-ख़ैर)

मैं कराँ की? किथ जाऊँ रे? हाय
दर पे तेरे, रब्बा, बस मैं आऊँ रे

नज़रें मिली, नज़रें मिली...
नज़रें मिली खुद से तो कहा खुद को
अब दर से तेरे न जाऊँ रे
अब दर से तेरे न जाऊँ रे

दिल दा सवाल मेरा, हो
दिल दा सवाल मेरा, पूछे फकीरा तेरा
सच या रंग झूठा, रब्बा?
दस्स की क़सूर मेरा?

दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
गुनाह-ए-रंग क्यूँ मैं भला रंगा?
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा

रूठा नसीबा मेरा..आ...
रूठा नसीबा मेरा
सच क्यूँ अब झूठा मेरा?
रंग में ही बेरंग है जो
दस्स की क़सूर मेरा?

दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
गुनाह-ए-रंग क्यूँ मैं भला रंगा?
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा

सा नि सा, सा नि सा, सा नि सा, म ग म
प ध नि सा सा स रे सा नि ध प म
ग म प नि नि ध नि ध प म ग
ग म प ध ध ध सा नि ध प म
ग म प ध, ग म म रे रे म म

मुझको मिला जो, हक़ का नहीं वो
कौन सुने? जो कहूँ
रब तू सब्र दे, इतनी मेहर दे
जग-रुस्वाई सहूँ

मुझको मिला जो, हक़ का नहीं वो
कौन सुने? जो कहूँ
रब तू सब्र दे, इतनी मेहर दे
जग-रुस्वाई सहूँ

मेरा ईमान पढ़ ले...ए..
मेरा ईमान पढ़ ले, सीने पे नाम पढ़ ले
इतना पाएगा, रब्बा, तेरा रहूँ मैं सदा

दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा
गुनाह-ए-रंग क्यूँ मैं भला रंगा?
दुआ-ए-खैर नाल तेरे मंगदा

तेरा हूँ, रब्बा
मैं तेरा हूँ, तेरा हूँ, तेरा हूँ, बस तेरा रे
सजदा, सवेरा दर पे तेरे लाएँ
मैं तेरा हूँ, तेरा हूँ, तेरा हूँ, बस तेरा रे
सजदा, सवेरा दर पे तेरे लाएँ

मैं तेरा हूँ, तेरा हूँ, तेरा हूँ, बस तेरा रे
सजदा, सवेरा दर पे तेरे लाएँ
मैं तेरा हूँ, तेरा हूँ, तेरा हूँ, बस तेरा रे
सजदा, सवेरा दर पे तेरे लाएँ

गीतकार: बिपिन दास


About Dua-E-Khair (दुआ-ए-ख़ैर) Song

यह गाना "दुआ-ए-ख़ैर", movie "Ruslaan" से है, जिसमें Aayush Sharma और Sushrii Mishraa मुख्य भूमिका में हैं, यह एक भावनात्मक और आध्यात्मिक गाना है जो इंसान और ईश्वर के बीच के रिश्ते को दर्शाता है, गाने के lyrics में गायक खुद से सवाल करता है, "मैं कराँ की? किथ जाऊँ रे?" यानी "मैं क्या करूं? कहाँ जाऊं?", और फिर वह ईश्वर से कहता है कि वह सिर्फ उनके दर पर आना चाहता है, यह एक तरह की प्रार्थना है जहाँ इंसान अपनी गलतियों और दुविधाओं को स्वीकार करते हुए, ईश्वर से मार्गदर्शन और शुभकामनाएं (दुआ-ए-खैर) मांगता है।

गाने के बोल में गहरी उलझन दिखती है, जैसे "दिल दा सवाल मेरा, पूछे फकीरा तेरा, सच या रंग झूठा, रब्बा?", यहाँ पर फकीर यानी साधक अपने दिल का सवाल पूछ रहा है कि क्या सच है और क्या झूठ, और वह यह भी पूछता है कि अगर वह ईश्वर से अच्छाई मांग रहा है (दुआ-ए-खैर), तो फिर गुनाह के रंग में क्यों रंगा हुआ है, यह आत्म-विश्लेषण और पश्चाताप की भावना को दर्शाता है, साथ ही इसमें Qawwali style का chorus है, जिसे Akashdeep Sengupta और AM.AN ने डिजाइन और परफॉर्म किया है, जिससे गाने को एक सूफियाना और भक्ति भरा अंदाज मिलता है।

गाने के अंतिम भाग में भक्ति की गहरी भावना है, जहाँ गायक कहता है "मैं तेरा हूँ, बस तेरा रे, सजदा, सवेरा दर पे तेरे लाएँ", यानी पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित होना और हर सुबह उनके दर पर सजदा करना, music composer Akashdeep Sengupta और singer Divya Kumar ने इस गाने को एक मार्मिक धुन दी है, जबकि lyrics Bipin Das ने लिखे हैं, overall, यह गाना एक सुंदर प्रार्थना की तरह है, जो हर किसी को आत्मिक शांति और ईश्वर में विश्वास की याद दिलाता है।


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