याद रह जाती है के बोल (रश्मीत कौर वर्जन) | रश्मीत कौर की मखमली आवाज़ में यादों का यह संस्करण। एक नए अंदाज़ में ढला दर्द भरा गीत।
Yaad Reh Jaati Hai - Rashmeet Kaur Version Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (याद रह जाती है)
दूर तक जाके आँखें, लौट आयी हैं खाली
है जहां दूसरा जिसमें, तुमने दुनिया बसा ली
ओ दूर तक जाके आँखें, लौट आयी हैं खाली
है जहां दूसरा जिसमें, तुमने दुनिया बसा ली
सामने क्यों नहीं हो तुम?
दिल में बस ये बात रह जाती है
तू ना हो तो हर चीज़ मिट जाती है
ज़िंदगी और भी हमें तड़पाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
कैसे बीतेगा बिना तेरे, ये सफर बाकी
काटने को है बची, आगे ये उम्र काफी
हो कैसे बीतेगा बिना तेरे, ये सफर बाकी
काटने को है बची, आगे ये उम्र काफी
चाँद आता है नजर तो दिल जलता है मेरा
काश मैं बाहों में उस पल तुझे भर पाती
कोई होता नहीं जहाँ तक नजर जाती है
धूल जब मेरी निगाहों से हट जाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
क्यों बिखरते हैं ख्वाब? रेत के मकानों से
क्यों गुज़रती है ज़िंदगी इम्तिहानों से?
है तो आखिर में टूट जाना इसे यूँ ही?
साथ दिल के तो यही होता है ज़मानों से?
साथ दिल के तो यही होता है ज़मानों से?
तू न हो तो हर चीज़ मिट जाती है
ज़िंदगी और भी हमें तड़पाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
ओ तेरी याद... ओ तेरी याद...
याद, याद, याद, बस याद रह जाती है
गीतकार: कुनाल वर्मा, समीर अंजान
About Yaad Reh Jaati Hai - Rashmeet Kaur Version (याद रह जाती है) Song
यह गाना "Yaad Reh Jaati Hai", movie "The Buckingham Murders" का है, जिसमें Kareena Khan मुख्य भूमिका में हैं, और इसे Tips Music ने release किया है। गाने को Rashmeet Kaur ने गाया है, music Payal Dev का है, और lyrics Kunaal Vermaa के हैं, यह गाना original रूप से Sameer Anjaan के lyrics और Nadeem Shravan के music पर आधारित है। यह एक emotional और दिल को छू लेने वाला गीत है, जो प्यार, यादों और अकेलेपन की गहरी भावनाओं को express करता है।
गाने के lyrics में, singer कहती हैं कि आँखें दूर तक जाकर भी खाली लौट आती हैं, क्योंकि जहाँ दूसरी दुनिया बसी है, वहाँ सामने आप नहीं होते, और यही बात दिल में रह जाती है। बिना आपके हर चीज़ मिट जाती है, ज़िंदगी और भी तड़पाती है, और बस याद ही याद रह जाती है, फिर वो सफर कैसे बीतेगा, आगे की उम्र कैसे कटेगी, यह सवाल मन में घूमता रहता है।
जब चाँद नज़र आता है तो दिल जलता है, काश उस पल आपको बाहों में भर पाती, नज़र जहाँ तक जाती है वहाँ कोई नहीं होता, और धूल हटते ही याद फिर ताज़ा हो जाती है। ख्वाब रेत के मकानों की तरह क्यों बिखरते हैं, ज़िंदगी इम्तिहानों से क्यों गुज़रती है, क्या आखिर टूट जाना ही नियति है, दिल का साथ तो हर ज़माने में यही होता है, और फिर वही दर्द दोहराते हैं कि आप न हों तो सब मिट जाता है, बस याद, याद, याद रह जाती है।