डोले बोले मन में हिलोरे के बोल | Dukaan का मधुर भक्ति गीत Shreyas Puranik और समूह गायन में। प्यार और आनंद का अनूठा मेल।
Dole Bole Man Me Hilore Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (डोले बोले मन में हिलोरे)
डोले बोले मन में हिलोरे
सपनों में चाँद चकोरे
भीतर जग को बटोरे, आई रे
बैरी रातें ये काली काली
चुनरी सितारों वाली
दिल में लेके दिवाली, आई रे
छाप तिलक सो छोड़ी रे
तेरी ललक जो ओढ़ी रे
तू नींद मैं लोरी रे
तेरी ही धुन में गाऊं, मैं
तेरी ही धुन में गाऊं, मैं
मीठी चटकारों वाली
ख़ुशियाँ अचारों वाली
गुदड़ी हज़ारों वाली लायी रे
डोले बोले मन में हिलोरे
सपनों में चाँद चकोरे
भीतर जग को बटोरे, आई रे
ओह छाप तिलक सो छोड़ी रे
तेरी ललक जो मोड़ी रे
तू बसंत मैं होरी रे
संग तेरे रंग रंग जाऊं, मैं
अम्बे तू है जगदम्बे गौरी
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गाये भारती
हो मैया हम सब उतारे तेरी आरती
हो मैया हम सब उतारे तेरी आरती
तेरी डगर में सितारे मैं बिछा दूं
तेरी नज़र को नज़र से बचा लूं
मानु ना जानु ना बस ये
ठानु मैं तू है मेरा
मानु ना जानु ना बस ये
ठानु मैं तू है मेरा
डोले बोले मन में हिलोरे
सपनों में चाँद चकोरे
भीतर जग को बटोरे, आई रे
बैरी रातें ये काली काली
चुनरी सितारों वाली
दिल में लेके दिवाली, आई रे...!!!
गीतकार: सिद्धार्थ-गरिमा
About Dole Bole Man Me Hilore (डोले बोले मन में हिलोरे) Song
यह एक बहुत ही खूबसूरत गाना है, "Dole Bole Man Me Hilore", जो movie Dukaan के लिए बनाया गया है, इसे Shreyas Puranik, Ananya Wadkar, Prajakta Shukre, Meenal Jain, Apurva Nisshad और Divya Kumar ने मिलकर गाया है, music भी Shreyas Puranik ने दिया है, और lyrics Siddharth-Garima ने लिखे हैं। गाने की शुरुआत ही बहुत मधुर है, "डोले बोले मन में हिलोरे, सपनों में चाँद चकोरे", यानी दिल में खुशी की लहरें हैं और सपनों में चाँद सजे हैं, यह पंक्तियाँ एक सुखद एहसास और आंतरिक उल्लास को दर्शाती हैं। फिर गाना आगे बढ़ता है, "बैरी रातें ये काली काली, चुनरी सितारों वाली", यहाँ dark रातों को सितारों से सजी चुनरी के रूप में बताया गया है, और दिल में दिवाली लेकर आने की बात है, जो उम्मीद और रोशनी का प्रतीक है। इसके अलावा, "छाप तिलक सो छोड़ी रे, तेरी ललक जो ओढ़ी रे" जैसी पंक्तियाँ प्रेम और लगाव की गहरी भावनाओं को दिखाती हैं, जिसमें गायक कहता है कि वह अपनी प्रिय की धुन में गाता रहता है।
गाने के बीच के हिस्से में, "मीठी चटकारों वाली, ख़ुशियाँ अचारों वाली" जैसी lines हैं, जो जीवन की छोटी-छोटी खुशियों और मीठे पलों का वर्णन करती हैं, और फिर से "डोले बोले मन में हिलोरे" का repetition होता है, जो गाने के core theme को मजबूत करता है। इसके बाद, "छाप तिलक सो छोड़ी रे, तेरी ललक जो मोड़ी रे" में एक तरह का devotion और surrender दिखता है, जहाँ गायक कहता है कि तू बसंत है और मैं होली, यानी तेरे साथ रंग में रंग जाता हूँ। फिर अचानक गाने का mood थोड़ा spiritual हो जाता है, "अम्बे तू है जगदम्बे गौरी, जय दुर्गे खप्पर वाली", यहाँ देवी माँ की स्तुति है, और "हो मैया हम सब उतारे तेरी आरती" में भक्ति भाव झलकता है, जो गाने को एक अलग ही depth देता है।
अंत में, गाना फिर से अपने मुख्य भाव पर लौटता है, "तेरी डगर में सितारे मैं बिछा दूं, तेरी नज़र को नज़र से बचा लूं", ये पंक्तियाँ प्रेम और सुरक्षा की भावना को दर्शाती हैं, और "मानु ना जानु ना बस ये, ठानु मैं तू है मेरा" में एक जुनून और हठ दिखता है। overall, यह गाना एक सुखद journey की तरह है, जो प्यार, खुशी, भक्ति और जीवन के रंगों को mix करता है, और इसकी melodious composition और meaningful lyrics इसे एक यादगार track बनाते हैं, जो listeners के दिलों को छू जाता है।