आज़ाद के दार्शनिक बोल | फिर आई हसीन दिलरुबा का यह गहरा ट्रैक। अनुराग साइकिया और विवेक हरिहरण की आवाज में, सच्चाई और आजादी की खोज का गीत।
Azaad Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (आज़ाद)
उसने जुबां से जो भी कहा है
और तुझे जो भी दिखता है
इन दोनों से दूर कहीं पे ढूंढो
सच जो चुप सा बैठा है
हो सच के कीरचे झूठ के टुकड़े
मिल से गए हैं बिखरे बिखरे
उसको बिन्ना इसको चुनना
एक एक धागा फिर से बुनना
उसको बिन्ना इसको चुनना
एक एक धागा फिर से बुनना
धुंधले धुंधले से जो
मन पे जाले हैं
खुद से जब तू साफ करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा
क्या मुमकिन क्या नामुमकिन है
अंधेरों के हिस्से है
ओ रोशनी आधी नींद में जाने
कहती क्या क्या किस्से है
ओ फिर से फिर से क्यों
जहन खंगाले हैं
वो फिर से फिर से क्यों
सहम खंगाले है
धुंधले धुंधले से जो
मन पे जाले हैं
खुद से जब तू साफ करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा
सच ही तुझे आजाद करेगा..!!
गीतकार: राज शेखर
About Azaad (आज़ाद) Song
यह गाना "आज़ाद", movie "Phir Aayi Hasseen Dillruba" से है, जिसमें Vikrant Massey, Taapsee Pannu और Sunny Kaushal ने काम किया है, यह गाना T-Series के label से आया है, और इसे Anurag Saikia ने compose किया है, गाने को Anurag Saikia और Vivek Hariharan ने गाया है, जबकि lyrics Raj Shekhar द्वारा लिखे गए हैं।
गाने के lyrics एक deep philosophical message देते हैं, यह कहते हैं कि जो कुछ तुम सुनते हो या देखते हो, उससे परे जाकर सच्चाई को खोजो, क्योंकि सच अक्सर चुपचाप बैठा रहता है, lyrics में कहा गया है कि सच और झूठ के टुकड़े आपस में मिल गए हैं, और हमें उन्हें अलग करके, हर धागे को फिर से बुनना है, यह एक तरह से मन की सफाई की process है।
गाना आगे कहता है कि जब तुम अपने मन पर जमी धुंध को साफ करोगे, तभी सच तुम्हें आज़ाद करेगा, lyrics पूछते हैं कि क्या मुमकिन है और क्या नामुमकिन, रोशनी और अंधेरे के बीच क्या किस्से हैं, और फिर से मन को क्यों खंगालना पड़ता है, अंत में यह दोहराता है कि सच ही तुम्हें आज़ादी दिलाएगा, यह गाना self-realization और inner truth की खोज का एक powerful anthem है।