प्रखर लिरिक्स (Prakhar Lyrics in Hindi) – Divya Kumar | The Legacy Of Jineshwar

प्रखर के बोल | The Legacy Of Jineshwar का शक्तिशाली और जोशीला आध्यात्मिक एन्थम। Divya Kumar की ताकतवर आवाज़। जैन दर्शन से प्रेरित यह गीत आत्मबल और साहस का संदेश देता है।

Prakhar Song Poster from The Legacy Of Jineshwar

Prakhar Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (प्रखर)

आज दहाड़ में भर दे शोला
देख रहा है जग सारा
तुझको क्या रोके ये दुनिया
तू संखनाद तू हुंकारा

ये जमीन ये आसमान
गूंज कर कहता जहाँ
ये जमीन ये आसमान
गूंज कर कहता जहाँ

है कण कण में तू ही बसर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
जिनेश्वर की तू बहती लहर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

सरगम .........

जिन शाषन की आन तू
धर्म का अभिमान तू
संयम का आयाम तू

जिन शाषन की आन तू
धर्म का अभिमान तू
संयम का आयाम तू

शौर्य का तू ही शिखर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

वीर का तू आशीर्वाद है
वर्धमान का तू नाद है
जिनेश्वर का सिंह नाद है

वीर का तू आशीर्वाद है
वर्धमान का तू नाद है
जिनेश्वर का सिंह नाद है

दादा गुरुओं की तू महर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

प्रखर तू खरतर, प्रखर तू खरतर

अंतर का स्वास तू
आत्म का एहसास तू
सद ज्ञान का आवास तू

अंतर का स्वास तू
आत्म का एहसास तू
सद ज्ञान का आवास तू

पियुष की तू बहती लहर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

सत्य का संज्ञान तू
युग का वरदान तू
हां मैत्री का भी नाम तू

सत्य का संज्ञान तू
युग का वरदान तू
मैत्री का भी नाम तू

है जहां रोशनी हर पहर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

मेरी धड़कने मेरी सांस तू
मेरा मान तू विश्वास तू
मेरी धड़कने मेरी सांस तू
मेरा मान तू विश्वास तू

उत्तम को हरिता प्रकाश तू
है क्रांति का तू ही समर
प्रवर प्रखर तू है खरतर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

जिनेश्वर की तू बहती लहर
प्रवर प्रखर तू है खरतर

कोटिक गण पज शाखा चंद्र कुल खरतर
कोटिक गण पज शाखा चंद्र कुल खरतर...!!!

गीतकार: प्रशांत बेयबार


About Prakhar (प्रखर) Song

यह गाना "प्रखर" है, जो movie "The Legacy Of Jineshwar" का है, इसमें Surendra Pal Singh, Manish Bishla और Anil Lalwani ने अभिनय किया है, और यह Saregama Music पर उपलब्ध है। गाने को Divya Kumar ने गाया है, music Vivian Richard ने दिया है और lyrics Prashant Beybaar ने लिखे हैं। गाने की शुरुआत ताकतवर शब्दों से होती है, "आज दहाड़ में भर दे शोला, देख रहा है जग सारा", यानी यह गाना एक जोशीली अपील है, जो सुनने वाले को अंदर से जगाने और दुनिया को चुनौती देने के लिए प्रेरित करता है, इसमें बार-बार "तू संखनाद तू हुंकारा" जैसे शब्द दोहराए गए हैं, जो शक्ति और दृढ़ संकल्प का एहसास दिलाते हैं।

गाने के बोल जैन दर्शन और आध्यात्मिकता से गहराई से जुड़े हैं, इसमें "जिनेश्वर", "जिन शाषन", "धर्म", "संयम" और "सद ज्ञान" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो आत्मा, धर्म और अनुशासन के महत्व को दर्शाते हैं। मुख्य पंक्ति "प्रवर प्रखर तू है खरतर" बार-बार आती है, जिसका अर्थ है कि तुम श्रेष्ठ, तेजस्वी और खरतर (एक ऐतिहासिक जैन समुदाय) हो, यह गाना व्यक्ति को अपने अंदर की दिव्य शक्ति और विरासत को पहचानने के लिए कहता है, साथ ही इसमें "वीर", "वर्धमान" और "सिंह नाद" जैसे शब्द वीरता और आध्यात्मिक नाद का संदेश देते हैं।

अंतिम भाग में गाना और भी गहरा हो जाता है, जहाँ "अंतर का स्वास", "आत्म का एहसास" और "पियुष की बहती लहर" जैसे बोल आत्मिक शांति और ज्ञान की निरंतर धारा का वर्णन करते हैं। गाना "सत्य", "मैत्री" और "रोशनी" जैसे सार्वभौमिक मूल्यों को भी सामने लाता है, और अंत में "मेरी धड़कने मेरी सांस तू" कहकर यह दर्शाता है कि यह दिव्य शक्ति हमारे अस्तित्व का ही हिस्सा है। समापन पंक्तियाँ "कोटिक गण पज शाखा चंद्र कुल खरतर" के साथ होती हैं, जो जैन परंपरा और विरासत के प्रति श्रद्धा व्यक्त करती हैं, यह गाना overall एक inspirational anthem की तरह है, जो spiritual strength, courage और inner light को celebrate करता है।


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