घर तो पहुँचा हूँ मैं के बोल | The Signature का नॉस्टैल्जिक और दिल को छू लेने वाला गीत। Talat Aziz की क्लासिक आवाज़। यादों और नई शुरुआत के बीच के सफर की कहानी।
Ghar Toh Pahuncha Hoon Main Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (घर तो पहुँचा हूँ मैं)
घर तो पहुँचा हूँ मैं, ये रुकती क्यों नहीं?
एड़ियों से लिपटी, सड़के, थकती क्यों नहीं?
घर तो पहुँचा हूँ मैं, ये रुकती क्यों नहीं?
एड़ियों से लिपटी, सड़के, थकती क्यों नहीं?
घर तो पहुँचा हूँ मैं
होने की परवाह ना थी,
न होने की फिक्र क्यूँ?
होकर भी जो ना हुई,
उन बातों का जिक्र क्यूँ?
आओ मिले ऐसे,
जैसे के पहले मिला करते थे
फिर झुलस लें एक बार जैसे
पहले चला करते थे
बरसों, बरसों की यादें मिटती क्यूँ नहीं?
एड़ियों से लिपटी, सड़के, थकती क्यों नहीं?
घर तो पहुँचा हूँ मैं, ये रुकती क्यों नहीं?
कितने जमाने गए, कितनी बातें रह गई
जिंदगी की धूप छाँव सहते, उम्रें बह गई
कितने जमाने गए, कितनी बातें रह गई
जिंदगी की धूप छाँव सहते, उम्रें बह गई
नींदों से रूठे जो सपने, तो रातें रहती नहीं
बिखर जाए पन्ने अगर, किताबें रहती नहीं
काली काढ़ि रात सी जिद, झुकती क्यों नहीं?
एड़ियों से लिपटी, सड़के, थकती क्यों नहीं?
घर तो पहुँचा हूँ मैं, ये रुकती क्यों नहीं?
अबके जो बारिशें होंगी, फिर से मिलेंगे हम
बूंदों की परतों के पीछे, फिर से चलेंगे हम
अब के जो बारिशें होंगी, फिर से मिलेंगे हम
बूंदों की परतों के पीछे, फिर से चलेंगे हम
थोड़ा पुराना मैं, थोड़ी सी तुम भी पुरानी हुई
फिर भी हमारी एक ताजा कहानी हुई
पानियों पे हमको फिर से लिखनी है नई
पानियों पे हमको फिर से लिखनी है नई
गीतकार: गजेन्द्र आहिरे
About Ghar Toh Pahuncha Hoon Main (घर तो पहुँचा हूँ मैं) Song
यह गाना "घर तो पहुँचा हूँ मैं", movie The Signature से है, जिसमें Anupam Kher, Mahima Choudhary, Ranvir Shorey और Neena Kulkarni हैं, यह गाना Zee Music Company पर उपलब्ध है, singer Talat Aziz ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है, composer Rohit Sharma और lyrics Gajendra Ahire ने लिखे हैं।
इस गाने के lyrics बहुत गहरे भावनात्मक हैं, यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी कहते हैं जो शारीरिक रूप से घर पहुँच गया है, लेकिन मन में अभी भी पुरानी यादें, सड़कें और अनसुलझे सवाल हैं, lyrics में बार-बार पूछा गया है - "घर तो पहुँचा हूँ मैं, ये रुकती क्यों नहीं? एड़ियों से लिपटी, सड़के, थकती क्यों नहीं?" यानी शरीर थम गया, लेकिन मन की यात्रा अभी भी जारी है।
गाने में ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव, बीते जमाने, धूप-छाँव और बह गई उम्र का ज़िक्र है, साथ ही यह भी बताया गया है कि चाहे कितनी भी पुरानी यादें हों, अभी भी एक नई शुरुआत की उम्मीद है, जैसे lyrics कहते हैं - "अबके जो बारिशें होंगी, फिर से मिलेंगे हम, बूंदों की परतों के पीछे, फिर से चलेंगे हम", यह गाना प्यार, यादों और नई शुरुआत का एक सुंदर मिश्रण है, जो हर सुनने वाले को भावनात्मक रूप से छू जाता है।