घिर आई बदरिया गाने के बोल | Talat Aziz की शास्त्रीय आवाज़ में 'The Signature' का यह गीत विरह और उदासी की गहरी भावनाओं को स्पर्श करता है। पूरा गीत पढ़ें।
Ghir Aayi Badariya Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (घिर आई बदरिया)
घिर आई बदरिया, दूर है सरायें
घिर आई बदरिया, दूर है सरायें
बरसे शीतल जल, मन जल जल जाए
करे कौन उपाय? घिर आई बदरिया
घिर आई बदरिया
व्याकुल है प्राण पियो जी, उस पार बुलाए
व्याकुल है प्राण पियो जी, उस पार बुलाए
लौट चले हैं संगी साथी, कौन आस दिलाये?
इस पार जिया मोरा, डर डर जाए
कैसी है ये पीर मेरी, करेजवा से लागी
कैसी है ये पीर मेरी, करेजवा से लागी
मन है अधीर मोरा, तन है अभागी
तन है अभागी
मैं जिए हूँ, आस मोरी, मर मर जाए
आस मोरी, मर मर जाए
गीतकार: गजेन्द्र आहिरे
About Ghir Aayi Badariya (घिर आई बदरिया) Song
यह गाना "घिर आई बदरिया" है, जो movie "The Signature" से है, जिसमें Anupam Kher, Mahima Choudhary, Ranvir Shorey और Neena Kulkarni ने अभिनय किया है, यह गाना Zee Music Company द्वारा प्रस्तुत किया गया है, गाने को Talat Aziz ने गाया है, संगीत Rohit Sharma ने दिया है और गीत Gajendra Ahire ने लिखे हैं।
गीत की शुरुआत "घिर आई बदरिया, दूर है सरायें" से होती है, जो एक उदास और सूनी भावना को दर्शाती है, जहाँ बादल छा गए हैं और सरायें (ठहरने की जगह) दूर हैं, फिर गीत में "बरसे शीतल जल, मन जल जल जाए" कहकर मन की व्यथा को बताया गया है, जैसे ठंडा पानी बरस रहा है पर मन जल रहा है, और यह सवाल पूछा गया है कि अब कौन उपाय करे।
अगले भाग में, गीत कहता है "व्याकुल है प्राण पियो जी, उस पार बुलाए", यानी प्राण व्याकुल हैं और प्यारा दूर पार बुला रहा है, साथी लौट चुके हैं और कोई आस नहीं देता, इस पार मन डरता है, फिर "कैसी है ये पीर मेरी, करेजवा से लागी" में दर्द का वर्णन है, जहाँ मन अधीर है और तन अभागी लगता है, अंत में गीत कहता है "मैं जिए हूँ, आस मोरी, मर मर जाए", यानी जीवन है पर आशा मर-मर जाती है, यह गाना एक गहरी विरह और उदासी की भावना को साफ़ दर्शाता है।