कागज़ हक़ मेरा के बोल | Kaagaz 2 का विचारोत्तेजक सामाजिक गीत। Gaurav Chati की आवाज़। अधिकार और संघर्ष पर एक मार्मिक टिप्पणी।
Kaagaz Haq Mera Kaagaz Haq Tera Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (कागज़ हक़ मेरा कागज़ हक़ तेरा)
चिक चिक डूम डूम
चिक चिक डूम डूम
हक के खातिर लड़ने वालों
लो सलाम बेशक मेरा
हक के खातिर लड़ने वालों
लो सलाम बेशक मेरा
पर तुमको किसने दिया हक?
मुझसे छिनो हक मेरा
पर तुमको किसने दिया हक?
मुझसे छिनो हक मेरा
कागज के दम पर मिटाते हो क्यूँ?
हक ना हक मेरा
कागज ही रक्षक तुम्हारा
कागज ही रक्षक मेरा
हक मेरा, कागज, हक तेरा, कागज
हक मेरा, कागज, हक तेरा, कागज
मैं भी सिस्टम का मारा हूँ
मैं भी हूँ मायुशों में
मैं भी साथ तुम्हारे हूँ
इन धरनों और जुलूसों में
पर मेरी जली जिंदगी
आग में झोंक रहे हो क्यूँ?
मेरी राह तो मुश्किल ही है
रास्ते रोक रहे हो क्यूँ?
यही रास्ता दाना पानी
लाता है मुझ तक मेरा
ये तुमको किसने दिया हक?
के मुझसे छिनो हक मेरा
हक मेरा, कागज, हक तेरा, कागज
हक मेरा, कागज, हक तेरा, कागज
कागज ही रक्षक तुम्हारा
कागज ही रक्षक मेरा
गीतकार: असीम अहमद अब्बासी
About Kaagaz Haq Mera Kaagaz Haq Tera (कागज़ हक़ मेरा कागज़ हक़ तेरा) Song
यह गाना "Kaagaz Haq Mera Kaagaz Haq Tera" movie "Kaagaz 2" से है, जिसमें Anupam Kher, Satish Kaushik, Neena Gupta, Darshan Kumaar और Smriti Kalra नजर आते हैं, यह गाना Gaurav Chati की आवाज में है और Srijan Vinay Vaishnav ने इसका music compose किया है, जबकि lyrics Aseem Ahmed Abbasi ने लिखे हैं, यह गाना Zee Music Company के तहत release हुआ है।
इस गाने के lyrics "चिक चिक डूम डूम" से शुरू होते हैं, जो एक rhythmic feel देते हैं, फिर गाने का मुख्य विषय "हक" यानी अधिकार के इर्द-गिर्द घूमता है, lyrics में उन लोगों को salute किया गया है जो अपने हक के लिए लड़ते हैं, लेकिन साथ ही एक सवाल पूछा गया है — "तुम्हें किसने दिया हक मेरा हक छीनने का?", यहाँ "कागज" यानी documents का जिक्र है, जो कभी हमारे अधिकारों की रक्षा करते हैं तो कभी उन्हें मिटाने का कारण बन जाते हैं।
गाना आगे बढ़ता है और एक common man की पीड़ा को दर्शाता है, singer कहता है कि वह भी system से परेशान है और protests में लोगों के साथ है, लेकिन फिर वह सवाल करता है कि "मेरी जिंदगी पहले से ही मुश्किलों से भरी है, तुम मेरे रास्ते में रोड़े क्यों अटका रहे हो?", अंत में गाना इसी conflict पर आकर रुकता है — कागज कभी हक का रक्षक है तो कभी हक छीनने का हथियार, यह गाना सामाजिक संघर्ष, कानूनी दस्तावेजों की power और आम आदमी की लड़ाई को बहुत emotional तरीके से express करता है।
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