पानी या तेज़ाब के बोल | Kooki फिल्म का दर्द भरा गीत। Sunidhi Chauhan की शानदार आवाज़। टूटे सपनों और उलझन भरे सवालों की कहानी।
Pani Ya Tezab Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (पानी या तेज़ाब)
पलकों से गिर के, अश्कों से मिल के
बिखरे मेरे ख्वाब है
कुछ ना समझ आए, बारिश की बूंदों में
पानी या तेजाब है
मैंने कभी तो देखे थे सपने
बरसेगी बरखा पलकों पे अपने
होगा सुहाना शमां, होगा सुहाना शमां
तितली सी उड़के, मर्जी से मुड़ के
होती मैं आजाद यूँ
मन तेज भागे भौरों से आगे
रोके कोई राह क्यूँ?
लेकिन यहाँ तो फैला धुंआ है
जीवन है या एक अंधा कुआं है
कोहरा भरा आसमाँ
कोहरा भरा आसमाँ
अब तो जलती, बुझती ये शमां
पलकों से गिर के, अश्कों से मिल के
बिखरे मेरे ख्वाब है
कुछ ना समझ आए, बारिश की बूंदों में
पानी या तेजाब है
गीतकार: डॉ. सागर
About Pani Ya Tezab (पानी या तेज़ाब) Song
यह गाना "पानी या तेज़ाब" है, जो फिल्म Kooki का है, इसमें Ritisha Khaund और Rajesh Tailang मुख्य कलाकार हैं, और यह गाना Niri9 पर उपलब्ध है।
गाने को Sunidhi Chauhan ने गाया है, संगीत Tapan Jyoti Dutta ने दिया है, और बोल Dr Sagar ने लिखे हैं।
गाने के बोल बहुत भावनात्मक और गहरे हैं, यह एक व्यक्ति की आंतरिक उलझन और टूटे सपनों की कहानी कहते हैं।
पहली पंक्तियाँ "पलकों से गिर के, अश्कों से मिल के, बिखरे मेरे ख्वाब है" दर्शाती हैं कि आँसुओं और सपनों का मिलन हुआ है, पर सपने बिखर गए हैं।
फिर सवाल आता है "बारिश की बूंदों में पानी या तेज़ाब है", यानी जिंदगी के अनुभव सुखद हैं या दर्दनाक, यह समझना मुश्किल है।
गाने में उम्मीद की झलक भी है, जैसे "मैंने कभी तो देखे थे सपने, बरसेगी बरखा पलकों पे अपने", पर यह उम्मीद धुंध और अंधेरे में खो जाती है।
आगे के बोल "तितली सी उड़के, मर्जी से मुड़ के" आज़ादी की इच्छा दिखाते हैं, पर रुकावटें हैं, जैसे "रोके कोई राह क्यूँ"।
गाना जीवन की उलझनों को "धुंआ" और "अंधा कुआं" जैसे शब्दों से बयाँ करता है, और "कोहरा भरा आसमाँ" से निराशा का माहौल दिखता है।
अंत में "अब तो जलती, बुझती ये शमां" पंक्ति से लगता है कि उम्मीद की लौ टिमटिमा रही है, और गाना फिर से उसी मुख्य सवाल पर लौटता है — क्या यह पानी है या तेज़ाब।
यह गाना दिल को छू लेने वाला है, और Sunidhi Chauhan की आवाज़ ने इसे और भी ज़बरदस्त बना दिया है।