तू क्यूँ के बोल | Kooki फिल्म का विचारपूर्ण और सशक्त गीत। Divya Kumar की आवाज़। समाज और ईश्वर से पूछे गए सवालों का दर्द।
Tu Kyun Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (तू क्यूँ)
तू क्यूँ? झुका नहीं, ऐ आसमाँ
हो तू क्यूँ? फटी नहीं, ऐ जमीं
तू क्यूँ? डरा नहीं, ऐ खुदा, ऐ खुदा
चीखें सुनी नहीं, क्यूँ? दर्द के
ऐसी दरिंदगी देख के
तू क्यूँ? टूटी नहीं
ऐ हवा, ऐ फिजा, ऐ घटा
अरे ओ कहते हो खुद को तुम इंसान
फिर क्यूँ? जानवर से पत्थर है पहचान
अरे ओ कहते हो खुद को तुम भगवान
फिर क्यूँ? यूँ गुनाहों के बने हो बागबान
दस्तूर के दस्तावेज में
इंसाफ का नजारा फिर एक जोड़ दो
करतूत की काली नोच को
हैवानियत की हद की सजा दे दो
उम्र कैद तो सुकून का एक पयाम है
जुर्म का ख्याल भी डरे खयाल में
फिर से गूंजे नहीं
ये सवाल, ये चित्कार, ये पुकार
अरे ओ कहते हो खुद को तुम इंसान
फिर क्यूँ? जानवर से पत्थर है पहचान
अरे ओ कहते हो खुद को तुम भगवान
फिर क्यूँ? यूँ गुनाहों के बने हो बागबान
गीतकार: इब्सन लाल बरुआ
About Tu Kyun (तू क्यूँ) Song
यह गाना "तू क्यूँ" movie Kooki का एक गहरा और विचारपूर्ण गीत है, जिसमें Ritisha Khaund और Rajesh Tailang मुख्य भूमिका में हैं, यह गाना एक तरह का सवाल है, जो प्रकृति और ईश्वर से पूछा गया है, गीत के बोल "तू क्यूँ? झुका नहीं, ऐ आसमाँ" से शुरू होते हैं, जहाँ गायक आकाश, धरती, हवा और बादलों से पूछता है कि तुम दर्द और जुल्म देखकर भी क्यों नहीं टूटते, यह मानवीय पीड़ा और प्रकृति की उदासीनता के बीच का एक दर्दभरा सामना दिखाता है।
गीत के अगले हिस्से में, यह सवाल इंसान से पूछा जाता है, "अरे ओ कहते हो खुद को तुम इंसान, फिर क्यूँ? जानवर से पत्थर है पहचान", यहाँ lyrics समाज में बढ़ती निर्दयता और नैतिक पतन पर सीधा प्रहार करते हैं, गीतकार Ibson Lal Baruah ने बहुत ही सशक्त शब्दों में यह बताने की कोशिश की है कि इंसान खुद को भगवान कहता है, लेकिन गुनाहों का बागबान बन बैठा है, यह गाना सामाजिक अन्याय और अमानवीयता के खिलाफ एक तीखा आवाज है।
Music Sourav Mahanta ने दिया है, जिसने इस गंभीर विषय को एक मार्मिक धुन में ढाला है, Singer Divyakumar Bhagwan Pushkarna ने अपनी आवाज से इसे जीवंत कर दिया है, Music Video Editor Jyotirmoy Mazumdar हैं, और यह गाना Niri9 पर उपलब्ध है, अंत में, गाना एक चेतावनी देता है, कि जुर्म की सजा सिर्फ उम्रकैद नहीं, बल्कि एक सबक होनी चाहिए, ताकि ये सवाल और चीखें दोबारा न गूंजें, यह गाना सुनने वाले को सोचने पर मजबूर कर देता है।