ऐ ज़िंदगी गाने के Lyrics | 1920 Horrors of the Heart का deep, philosophical track। Esha Gaur और Farhan Sabri की heartfelt voices। Life के struggles पर powerful song।
Aye Zindagi Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (ऐ ज़िंदगी)
ऐ ज़िंदगी, ये कैसा ग़म?
ना दुआ लगे, ना ही दम
नफ़रतों की आग में
इश्क़ बदला राख में
कैसी जगह, देखो पहुँचे हम
ऐ ज़िंदगी, ये कैसा ग़म, कैसा ग़म?
ये हुआ जो भी हुआ है
दिल की है ये ख़ता
दिल की है ये ख़ता
ऐ खुदा, इस रात की
सुबह कहाँ है? बता
सुबह कहाँ है? बता
ये हुआ जो भी हुआ है, दिल की है ये ख़ता
ऐ खुदा, इस रात की सुबह कहाँ है? बता
ऐ ज़िंदगी, ये कैसा ग़म?
कौन हूँ? ये मैं कौन हूँ?
ख़ुद को मैंने कहाँ खो दिया,
है कहाँ? रहबर, तू कहाँ?
तुझको ढूँढे ज़मीन, आसमान
काँपता है ये दिल मेरा
होने को है वो जो है अनकहा
घुट रहा ख़्वाबों का दम
ये रात कब होगी ख़त्म
कैसी जगह, देखो पहुँचे हम
ऐ ज़िंदगी, ये कैसा ग़म? कैसा ग़म?
ये हुआ जो भी हुआ है, दिल की है ये ख़ता
दिल की है ये ख़ता
ऐ खुदा, इस रात की सुबह कहाँ है? बता
सुबह कहाँ है? बता
ये हुआ जो भी हुआ है, दिल की है ये ख़ता
ऐ खुदा, इस रात की सुबह कहाँ है? बता
गीतकार: श्वेता बोथरा
About Aye Zindagi (ऐ ज़िंदगी) Song
"ऐ ज़िंदगी" गाना '1920 Horrors of the Heart' film का एक emotional track है, जो सीधा दिल से बात करता है। singers Esha Gaur और Farhan Sabri ने अपनी आवाज़ से इसे बहुत deep feeling के साथ गाया है, music director Puneet Dixit ने एक haunting melody create की है, जो mood को perfectly set करती है, और lyricist Shweta Bothra ने बहुत meaningful शब्द लिखे हैं जो heart को touch करते हैं।
गाने के lyrics एक painful journey के बारे में हैं, जहाँ singer life से सवाल पूछ रहा है, "ऐ ज़िंदगी, ये कैसा ग़म?"। वो hate की आग और lost love की बात करते हैं, और एक ऐसी जगह पहुँचने का feeling describe करते हैं जहाँ कोई रास्ता नहीं दिखता। वो खुद से पूछते हैं "कौन हूँ मैं?" और भगवान से इस dark night के खत्म होने का time पूछते हैं, यह एक deep spiritual conflict और emotional struggle को दिखाता है।