किसी रोज़ मेल वर्जन के Lyrics | Legendary MM Kreem की own soulful voice। Auron Mein Kahan Dum Tha का intense, devotional version। Pure magic।
Kisi Roz - Male Version Lyrics in Hindi – Full Song Lyrics (किसी रोज़)
किसी रोज, किसी रोज
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता, ओ साहिब जी
मैं युगों, युगों की तृष्णा हूँ
तू मेरी घटा, ओ साहिब जी
मैं युगों, युगों की तृष्णा हूँ
तू मेरी घटा, ओ साहिब जी
किसी रोज
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता, ओ साहिब जी
पत्थर जग में कांच के लम्हें
कैसे सहेजूँ? समझ न आए
तेरे मेरे बीच में जो है
ज्ञानी जग ये जान न पाए
तन में तेरी छुअन तलाशु
मन में तेरी छाप पिया
भाप के जैसे पल उड़ जाएं
प्रीत को है ये श्राप पिया
कैसे रोकूँ? जल अंजुरी में
भेद बता, ओ साहिब जी
किसी रोज, किसी रोज
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता ओ साहिब जी
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता ओ साहिब जी
मंदिर पूजे, दरगाहों में
जाके चढ़ाई भेंट पिया जी
मंदिर पूजे, दरगाहों में
जाके चढ़ाई भेंट पिया जी
माथे से ये बिरह की रेखा
कोई न पाया मेट पिया जी
तू ही तो पहली प्रीत है मेरी
तू ही तो अंतिम आस मेरी
कोई बहाना ढूँढ के आजा
टूट न जाए साँस मेरी
दिल का कोई दोष नहीं है
दिल ना दुखा, ओ साहिब जी
किसी रोज, किसी रोज
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता, ओ साहिब जी
मैं युगों, युगों की तृष्णा हूँ
तू मेरी घटा, ओ साहिब जी
किसी रोज बरस जल थल कर दे
ना और सता, ओ साहिब जी...!!!
गीतकार: मनोज मुंतशिर
About Kisi Roz - Male Version (किसी रोज़) Song
यह गाना, "Kisi Roz - Male Version", एक deep और emotional song है, जिसे legendary music director M.M. Kreem ने खुद गाया और compose किया है। इसके meaningful lyrics famous lyricist Manoj Muntashir ने लिखे हैं। यह गाना movie "Auron Mein Kahan Dum Tha" का है, जिसमें Ajay Devgn, Tabu, और Jimmy Shergill जैसे stars हैं, और इसका music Zee Music Company ने release किया है।
गाने की lyrics एक intense longing और devotion की feeling को express करती हैं। Singer अपने beloved (साहिब जी) से एक बार पूरी तरह बरस जाने की request करता है, ताकि उसकी तृष्णा (thirst) शांत हो सके। वह कहता है कि वह "युगों की तृष्णा" है और beloved उसकी "घटा" (rain cloud) है। Lyrics में life की fragility ("पत्थर जग में कांच के लम्हें") और love का pain ("भाप के जैसे पल उड़ जाएं, प्रीत को है ये श्राप") भी दिखता है। वह मंदिर और दरगाह दोनों में मन्नत मांगता है, लेकिन उसकी तड़फ कम नहीं होती। गाना एक heartfelt plea के साथ खत्म होता है, "दिल का कोई दोष नहीं है, दिल ना दुखा, ओ साहिब जी"।